कंस वदोत्सव
- आयोजन का समय: November
-
महत्व:
कंस वदोत्सव 150 से अधिक वर्षों से यहाँ मनाया जा रहा है। लोगों में सोमवारिया बज़ार में आयोजित होने वाले कंस वदोत्सव को लेकर अत्यधिक उत्साह दिखाई देता है। यह धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व के एक नाटक है। लोग दशमी रात के को शाजापुर में कंस वदोत्सव मनाते हैं। मथुरा के बाद यह शाजापुर, मध्यप्रदेश में मनाया जाता है। यह कहा जाता है कि कंस वदोत्सव के इतिहास गोवर्धन मंदिर से संबंधित है । पहले कंस वदोत्सव को कंस लीला के नाम से भी जाना जाता। कंस वदोत्सव में लोग भगवान श्रीकृष्ण और सैनिकों की भूमिका निभाते है। श्रीकृष्ण भगवान और उनके सैनिकों नगर मे भ्रमण कर्ते है तथा वद-संवाद बोलते हैं लोग इन्हे एकाग्रता के साथ देखते है। जुलुस आधी रात को ठीक 12 बजे कंस चोराहे पर पहुँचता है।